कैराना शामली

न्यायालय ने प्रतिबंधित नशीली दवाइयों का कारोबार करने वाले मेडिकल स्टोर संचालक को सुनाई 10 वर्ष के कारावास की सजा

– अर्थदंड की रकम एक लाख रूपये अदा न करने पर भुगतना पड़ेगा 1 वर्ष का कारावास
– नशीली दवाइयों को जांच के लिए प्रयोगशाला न भेजने तथा लापरवाही बरतने पर वादी औषधि निरीक्षक के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के आदेश दिए हैं

कैराना। न्यायालय ने नशीली दवाइयों का कारोबार करने वाले मेडिकल स्टोर संचालक को आरोप सिद्ध होने पर 10 वर्ष के कारावास तथा एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वही मुकदमे के वादी औषधि निरीक्षक के खिलाफ नशीली दवाइयों को जांच हेतु प्रयोगशाला ने भेजने तथा कार्य में लापरवाही बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के आदेश जारी किया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान लोक अभियोजक प्रतिमा शर्मा ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि औषधि निरीक्षक संदीप कुमार ने पुलिस बल के साथ 24 अक्टूबर 2019 प्रतिबंधित नशीली दवाइयों के कारोबार करने की सूचना पर झिंझाना के गाड्डी वाला चौराहे पर स्थित दृष्टि मेडिकल स्टोर पर छापेमारी करते हुए मौके बिना लाईसेंस के संचालित होने के साथ ही वहां से प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की 38510 गोलियां व कैप्सूल बरामद करते हुए मेडिकल स्टोर संचालक देवेंद्र सिंह पुत्र रमेश चंद्र निवासी गांव वेदखेड़ी थाना झिंझाना के विरुद्ध संबंधित धाराओं में थाना झिंझाना पर नामजद अभियोग पंजीकृत कराया था जिसमें पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक को चालानी कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया था। यह मामला कैराना स्थित न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय / विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट शामली के यहां विचाराधीन था जिसमें पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध चार्टशीट दाखिल की थी। न्यायालय मे अभियोजन पक्ष की ओर से चार गवाह पेश किए गए। विद्वान न्यायाधीश सुबोध सिंह ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी देवेंद्र सिंह पर आरोप सिद्ध होने पर उसे 10 वर्ष के कारावास तथा एक लाख रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की रकम अदा न करने पर 1 वर्ष के कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
उधर, माननीय न्यायालय ने वादी औषधि निरीक्षक संदीप कुमार द्वारा मेडिकल स्टोर से बरामद प्रतिबंधित नशीली दवाइयां गोलियों व कैप्सूलो को जांच हेतु प्रयोगशाला में न भेजने तथा कार्य में लापरवाही बरतने पर संबंधित विभाग को उनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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