कैराना शामली

डेंगू से पांच मौतों के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग

– नंगलाराई में शिविर लगाकर की मरीजों की जांच
– अभी बुखार का सितम झेल रहे कई और ग्रामीण
कैराना। एक सप्ताह के अंतराल में नंगलाराई गांव में प्रधान की पत्नी समेत तीन महिलाओं और दो बच्चियों की डेंगू से मौत के बाद आखिरकार स्वास्थ्य विभाग की निंद्रा टूट गई है। विभाग की ओर से गांव में शिविर लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उन्हें दवाइयां वितरित की गई। हालांकि, विभाग का दावा है कि जांच में कोई पॉजिटिव नहीं मिला है। ग्रामीणों की मानें तो पूर्व प्रधान समेत कई लोग अभी बुखार से पीड़ित हैं, जिनका निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
गांव नंगलाराई के वर्तमान प्रधान हाफिज यूसुफ अली की पत्नी शफीना की बुधवार देर रात पानीपत के एक निजी हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। वह डेंगू से पीड़ित थी। इससे पहले इसी दिन शाम के समय गांव के नईम और तमीम की दो मासूम बेटियों की भी मौत हुई थी। इसके अलावा एक सप्ताह के अंतराल में अनीस की पत्नी मोमिना तथा वकील की पत्नी की भी लगातार बुखार और प्लेटलेट्स कम होने के कारण मौत हो गई थी। शुक्रवार को डेंगू से मौतों का मामला मीडिया की सुर्खियां बना, तो स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। सीएमओ के निर्देश पर सीएचसी से डॉ. मीनाक्षी धीमान के नेतृत्व में टीम गांव में पहुुंची। जहां पूर्व प्रधना नईम की बैठक पर स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। धर्मस्थलों में इसका एनाउंस्मेंट भी कराया गया। टीम ने लोगों के स्वास्थ्य की जांच की तथा उन्हें दवाइयां वितरित की। हालंाकि, विभागीय अधिकारियों ने दावा किया है कि जांच में किसी भी व्यक्ति को डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड नहीं मिला है।

निजी अस्पतालों में उपचार करा रहे पीड़ित
ग्राम प्रधान हाफिज यूसुफ ने बताया कि उनके बेटे सुहैल को भी बुखार आ रहा है, जिस कारण प्लेटलेट्स कम हो गई है। उसका कैराना के एक प्राइवेट डॉक्टर के यहां उपचार चल रहा है। इसके अलावा पूर्व ग्राम प्रधान नईम (50) को भी डेंगू होने के कारण पानीपत प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उनकी प्लेटलेट्स मात्र 28000 रह गई है। वहीं, आलम (27) का भी बुखार व प्लेटलेट्स कम होने के कारण निजी चिकित्सक के यहां उपचार चल रहा है। शिविर में जांच कराने पहुंचे आलम ने बताया कि अब उसकी हालत में पहले से सुधार है। जबकि उसके छोटे भाई नदीम (17) की बुखार के कारण करीब 15 दिन पूर्व मौत हो गई थी।

फॉगिंग के नाम पर की खानापूर्ति
गांव में मच्छरों का प्रकोप भी कम नहीं है। कई मौतों के बाद शुक्रवार को गांव में फॉगिंग कराई गई। ग्रामीणों का कहना है कि बाइक पर कर्मचारी मुख्य मार्ग से होकर गुजर गया, लेकिन अंदर गलियों में फॉगिंग नहीं की गई, जिस कारण लोगों में आक्रोश भी देखने को मिला।

इन्होंने कहा-
नंगलाराई में शिविर में लोगों की जांच की गई है। सामान्य बुखार व वायरल के 82 मरीजों को दवा दिलाई गई है। 10 लोगों डेंगू किट, 50 लोगों की मलेरिया व टाइफाइड की जांच की गई, लेकिन उन सभी की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
– डॉ. शैलेंद्र चौरसिया, चिकित्साधीक्षक, सीएचसी कैराना।

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