कैराना शामली

युवक को खेत ले जाकर जबरन किया मुंडन

युवक को खेत ले जाकर जबरन किया मुंडन
— कपड़े उतरवाकर की गई मारपीट, कैराना छोड़ने के बहाने हरियाणा से लाया गया था युवक
कैराना। हरियाणा से युवक को आॅटो में कैराना छोड़ने के बहाने खेत ले जाकर कपड़े उतरवाने और मारपीट करने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि आरोपियों ने जबरदस्ती उसका मुंडन भी कर दिया। वह किसी तरह खेतों से निकलकर घर पहुंचा। घटना के संबंध में कोतवाली में शिकायत की गई है।
गांव मवी निवासी फैजान मंगलवार को अपने परिजनों के साथ स्थानीय कोतवाली में पहुंचा और पुलिस को शिकायत की। फैजान के अनुसार, सोमवार को वह हरियाणा के पानीपत में दवाई लेने गया था। जहां उसने कपड़े और जूते भी खरीदे। इसके बाद वह आॅटो में बैठ गया, जिसमें चालक ने उसे दस रुपये में कैराना छोड़ने की बात कही। आरोप है कि पानीपत से बाहर निकलकर आरोपी ने उस पर दबाव बनाकर घर फोन कराया और एक हजार रुपये मंगाने के लिए कहा गया। उसने घर फोन भी किया, लेकिन रुपये नहीं मिल सके। पीड़ित का आरोप है कि आरोपी उसे कोतवाली क्षेत्र के गांव बुच्चाखेड़ी के निकट जंगल में खेत पर ले गया। जहां उसके अन्य साथी भी थे। उसे बेहोश भी किया गया। रात करीब साढ़े आठ बजे उसे होश आई। इसके बाद आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसके पहने हुए वस्त्र उतरवाए तथा मारपीट करते हुए पशु को नहलाने और साफ—सफाई करने का दबाव बनाया गया। आरोपियों ने बाल पसंद नहीं होने की बात कहकर उसके सिर से उस्तरे व मशीन से जबरदस्ती सारे बाल काट दिए। आरोपियों ने एक युवक को वहां उसका पहरा देने के लिए छोड़ दिया और बाकी किसी कार्य से चले गए। तभी वह मौका पाकर रात्रि करीब 11 बजे दीवार से कूदकर जंगलों के रास्ते घर तक पहुंच सका। मामले में पीड़ित ने पुलिस से कार्रवाई की गुहार लगाई है।
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दो राज्यों में उलझी पुलिस कार्रवाई
पीड़ित ने अपने परिजनों के साथ कोतवाली में पहुंचकर घटना की शिकायत की, तो उसे हरियाणा की घटना बताई गई। इसके बाद वह पानीपत के कई थानों में पहुंचे, तो यूपी की घटना बताकर वापस भेज दिया गया। इसके बाद फिर से वह कोतवाली कैराना पहुंचे और क्षेत्र के बुच्चाखेड़ी के जंगल में हुई घटना के संबंध में कार्रवाई की गुहार लगाई। ऐसे में घटना को लेकर पुलिस की कार्रवाई दो राज्यों के फेर में उलझती नजर आ रही है।
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इन्होंने कहा—
घटना हरियाणा की है। पुलिस को बुच्चाखेड़ी के जंगल में भी जांच के लिए भेजा गया है।
— वीरेंद्र कसाना, एसओ कैराना।

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