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नई दिल्ली: चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना के हवाई जखीरे में फिर से इजाफा होने वाला है. राफेल लड़ाकू विमानों की नई खेप आज हिन्दुस्तान पहुंच रही है. खबरों के मुताबिक तीनों राफेल लड़ाकू विमान आज शाम अंबाला के एयरबेस पर लैंड करेंगे. ये तीनों लड़ाकू विमान फ्रांस से हिन्दुस्तान की लगभग 7 हजार किमी.की दूरी बिना रुके तय करेंगे.

यूएई के आसमान में ही तीनों विमानों में एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की जाएगी, यानि उड़ान के दौरान आसमान में ही ईंधन भरा जाएगा.

अब तक 11 राफेल आए, गोल्डन ऐरो स्कॉवड्रन का हिस्सा बने हिस्सा

भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद की है, जिनमें से 21 विमान भारत को सौंपे जा चुके हैं. हालांकि अब तक 11 राफेल विमान ही भारत आए हैं. ये सभी अंबाला में मौजूद वायुसेना के गोल्डन ऐरो स्कॉवड्रन का हिस्सा हैं और आज जो तीन राफेल आएंगे उन्हें भी गोल्डन एरो स्कॉवड्रन में ही शामिल किया जाएगा.

इन सभी 14 राफेल विमानों को वायुसेना जरूरत के हिसाब से कहीं भी इस्तेमाल कर सकती है. लेकिन स्कॉवड्रन की पहली जिम्मेदारी देश के पश्चिम और उत्तर में चीन-पाकिस्तान से जुड़ी हवाई सीमा को महफूज रखना है.

अप्रैल में पांच और राफेल आएंगे

इन लड़ाकू विमानों की एक और नई खेप अगले महीने यानि अप्रैल के आखिर में आएगी. अप्रैल वाली खेप में तीन की जगह 5 राफेल लड़ाकू विमान होंगे. नए विमानों को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा. चीन से लगती पूर्वी सीमा की निगरानी या जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल हाशिमारा बेस से आसानी से किया जा सकेगा.

क्यों गेम चेंजर हैं राफेल?

भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान गेमचेंजर माने जा रहे हैं. क्योंकि इनके आने से भारत को अपने पड़ोसियों के मुकाबले तकनीकी बढ़त भी मिली है और युद्ध की सूरत में एक ताकतवर लड़ाका भी. और राफेल ने इसका सबूत लद्दाख के आसमान में उड़ान भर के दे दिया था.

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