कैराना शामली

कैराना।चुनाव आयोग की शक्ति एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश में

कैराना।चुनाव आयोग की शक्ति एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा के परंपरागत वोट वाली जातियों को टिकट वितरण में उपेक्षा के कारण शोरगुल जहां गायब है,वहीं कार्यकर्ताओं में भी जोश नजर नहीं आना चर्चाओं में बना हुआ है।

लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण का मतदान पश्चिम उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है।कैराना लोकसभा सीट पर सपा कांग्रेस गठबंधन से सपा प्रत्याशी इकरा हसन जहां पहली बार अपनी किस्मत आजमा रही है।वहीं भाजपा रालोद गठबंधन से दूसरी बार सांसद प्रदीप चौधरी मोदी के 400 पार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए चुनाव मैदान में है। लेकिन चुनाव प्रचार में कहीं भी शोरगुल व समर्थकों की भीड़ कहीं नजर नहीं आ रही है।जिसका मुख्य कारण चुनाव आयोग के सख्त नियमों का पालन किए जाने के कारण नियमों के अनुसार प्रत्याशी जनसंपर्क करते नजर आ रहे हैं।जबकि एक दशक पूर्व कान फोड़ू चुनाव प्रचार तथा झंडे,बैनरों तथा पोस्ट से दीवारें पटी नज़र आती थी।जो पुराने जमाने की बात हो गई हैं।वही दूसरी ओर भाजपा के परंपरागत वोट पाल,राजपूत,कश्यप,सैनी,प्रजापति,गुर्जर सहित अन्य पिछड़े वर्ग में टिकट वितरण को लेकर के नाराजगी साफ झलक रही है।हालांकि दबी जुबान से आम मतदाता मोदी एवं योगी के सुशासन को देख करके अपना वोट करने का संकेत तो दे रहा है।परंतु पार्टी प्रत्याशी के दिल की धड़कनों को बढ़ा रहे हैं,देखना होगा कि 4 जून को परिणाम किसके पक्ष में आता है।

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