— आयुष विभाग, आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों की संयुक्त टीम ने की छापेमारी, मचा हड़कंप
कैराना। आयुष विभाग, आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों की संयुक्त टीम ने झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर छापेमारी की। इस दौरान बिना पंजीकरण और नवीनीकरण के चल रहे नौ क्लीनिक संचालकों को नोटिस जारी किए गए। इस कार्रवाई से दिनभर झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा रहा।
शनिवार को आयुष विभाग, आयुर्वेदिक एवं यूनानी के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. ईष्मपाल सिंह के निर्देशानुसार डॉ. अरविंद कुमार व सहायक जनेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में टीम ने नगर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान ईदगाह रोड, पुराना बाईपास रोड, बिसातियान रोड, कचहरी गेट के निकट सहित अन्य स्थानों पर क्लीनिकों पर छापेमारी की। टीम ने गहनता के साथ जांच—पड़ताल की, जिसमें कुछ क्लीनिकों के पंजीकरण नहीं मिले, तो कुछ के नवीनीकरण नहीं पाए गए। इस पर अधिकारियों नेे सख्त हिदायत दी।
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इन क्लीनिकों को दिए नोटिस
डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि नौ क्लीनिक संचालकों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें बेबी क्लीनिक, मोनिका क्लीनिक, जुबैर मलिक, नेहा रिजवान, हकीम शादाब, हकीम अब्दुल कादिर, डॉ. शाहिद, डॉ. नईम अंसारी व डॉ. जावेद शामिल हैं। इनमें कुछ के पंजीकरण नहीं हैं, तो कुछ ने नवीनीकरण नहीं कराया है।
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क्लीनिकों के संचालन में एसीएमओ की मेहरबानी
नगर व क्षेत्र में क्लीनिकों तथा झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों की भरमार हैं। पिछले दिनों आर्यपुरी में झोलाछाप की लापरवाही से एक नवजात की मौत हुई थी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने छापेमारी कर दो क्लीनिक सील किए थे, एक को नोटिस दिया था। इसके अलावा भी समय—समय पर छापेमारी और क्लीनिकों को सील करने की कार्रवाई होती रहती है। लेकिन, कुछ ही दिनों में क्लीनिकों की सील भी खुल जाती है। ऐसे मामले पूर्व में देखने को मिलते रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई कम, बल्कि खानापूर्ति ज्यादा नजर आती है।
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सीएमओ आॅफिस के पंजीकरण अवैध
टीम में शामिल डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि बीएएमएस व बीयूएमएस डिग्रीधारक जिन डॉक्टरों ने सीएमओ आॅफिस से पंजीकरण ले रखे हैं, वे अवैध हैं। आयुष विभाग की ओर से उन्हें मान्य नहीं माना जाता है। ऐसे डॉक्टरों को आयुष विभाग से पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।