चौधरी मुनव्वर पंवार
मामौर में नियम-कायदों को ताक पर रखकर किया जा रहा यमुना का चीरहरण, प्रशासन बना अनजान
कैराना। यमुना खादर के मामौर में खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। यहां तमाम नियम-कायदों को ठेंगा दिखाकर यमुना का चीरहरण किया जा रहा है। आलम यह है कि पोर्कलेन मशीनों से यमुना नदी की धारा को भी प्रभावित करने में माफिया कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यमुना का अस्तित्व पर खतरा मंडराता नजर आ रहा हैं। इसके बावजूद प्रशासन अनजान बना हुआ है।
कैराना तहसील क्षेत्र के गांव मामौर यमुना खादर में पांच साल के लिए आवंटित वैध बालू खनन पट्टे पर शासन के आदेश और एनजीटी की गाइडलाइन के अनुरूप खदान की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद यहां खनन माफिया तमाम नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। कई-कई पोर्कलेन मशीन व अन्य साजो-सामान से यमुना नदी का सीना छलनी किया जा रहा है। माफिया खनन कर डंफरों में रेत की सप्लाई कर चांदी काट रहे हैं। खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद कि वह यमुना नदी की धारा से भी छेड़छाड़ करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। यमुना की धारा को प्रभावित करते हुए खनन के काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। ऐसे में यमुना नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। यही नहीं, खनन माफियाओं के कारनामों के चलते आगामी बरसात के मौसम में तटवर्ती बाशिंदों को गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। मामौर में खनन माफियाओं की करतूत से प्रशासन अनजान बना हुआ है।
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किससे इशारे पर की गई धारा से छेड़छाड़ ?
एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार यमुना नदी की धारा से ना छेड़छाड़ की जा सकती है और ना ही रोका जा सकता है। मामौर में वैध पट्टे की आड़ में खनन माफियाओं का जो खेल चल रहा है, उसे लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल यही है कि आखिर खनन माफियाओं ने यमुना नदी की धारा से छेड़छाड़ की अनुमति किसने दी ? यदि अनुमति नहीं दी गई है तो फिर किसके इशारे पर खनन माफियाओं की मनमर्जी चल रही है ?
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खनन स्थल पर अनियमितताओं की रही भरमार
मामौर खनन प्वाइंट पूर्व में भी चर्चाओं में रहा है। यहां पूर्व में अनियमितताएं उजागर हो चुकी है। जून 2020 में सहारनपुर अपर आयुक्त के नेतृत्व में विशेष टीम ने मामौर खनन प्वाइंट पर छापेमारी की थी। उस समय खनन प्वाइंट पर भारी अनियमितता पाई गई थी और खनन को बंद करा दिया गया था। बाद में डीएम ने मामौर खनन पट्टाधारक पर अनियमितताओं के आधार पर 77 लाख रुपये जुर्माना अधिरोपित किए जाने की जानकारी दी थी। यानी कि पूर्व में अनियमितताओं पर जुर्माने की कार्यवाही के बाद भी माफिया अपनी करतूत से बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं।