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-हड्डी गलाने वाले प्लांट से रात्रि के समय निकलता है ज़हरीला धुँआ, मासूम,बुज़र्ग व युवाओं सहित सभी हैं परेशान, रात का सुकून भी हुआ गायब

कैराना। मीम एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में स्थापित हड्डी गलाने वाले प्लांट के दूषित ज़हरीले धुएं से शहर की आधी आबादी पीड़ित है। रात के समय लोगों को सांस लेना भी दुश्वार हो गया है।

नगर के कांधला रोड पर स्थित मीम एग्रो फूड्स प्राइवेट मिलिटेड में हड्डी गलने वाले पलांट से निकलने वाले दूषित ज़हरीले धुएं से शहर की आधी आबादी पीड़ित है। रात्रि के समय इस ज़हरीले धुएं ने लोगों की सांसें अटका रखी हैं। एक तरफ तो कोरोना काल में लोगों को साफ आबो हवा मयस्सर नहीं हो पा रही तो वहीं देश में ऑक्सीजन की किल्लत ने भी लोगों की परेशानियों में इज़ाफ़ा कर रखा था। कोरोना काल में जहां लोगों को असमय मौत के मुंह में जाना पड़ा और सरकार की और से गाइडलाइन जारी की गई, जिसका पालन कराने व जनता को सुरक्षित रखने के लिए जिला प्रशासन खुद सड़कों पर उतरा और सैनिटाइज़ेशन सहित अनेकों उपाय किये। वहीं महामारी के दौर में कैराना में स्थित मीट फैक्ट्री लोगों की सांसें अटका रही है,जिसके ज़हरीले धुएं ने कई गंभीर बीमारियों को जन्म दिया है। हाल यह है कि आधी आबदी रात्रि के आराम को लेकर चिंतित है। क्योंकि रात होते ही उनके सामने सांस लेने की दिक़्क़त खड़ी हो जाती है।इस ज़हरीले धुएं ने मासूम,बुज़र्ग व युवाओं सभी को परेशान कर रखा है,लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। आश्चर्य की बात यह कि फैक्ट्री सीमा में कई अधिकारियों के कार्यालय भी हैं, जहाँ अधिकारीगण बैठकर ऑफिस से संबंधित कार्यों को निपटाते हैं।इतना ही नहीं कांधला तिराहे पर भी अधिकतर पुलिस अधिकारी अन्य कर्मचारियों के साथ रात्रि के समय शांति एंव सुरक्ष के दृष्टिगत मौजूद होते हैं, क्या इस दुर्गंध से उन्हें कोई पीड़ा नहीं होती। फिलहाल इस ज़हरीली दुर्गंध से निजात दिलाने वाला कोई नहीं है।
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जांच हुई,मगर नहीं मिली निजात
नगरवासियों की शिकायत पर अनेकों बार जांच टीम मौके पर पहुंची और हड्डी गलाने वाले प्लांट की गहनता से जांच की गई। साथ ही फैक्ट्री संचालक को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए लेकिन, कार्यवाही सिफर रही। समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है। फैक्ट्री संचालक के हौसले इतने बुलन्द हैं की दुर्गंध से पीड़ित आधी आबादी का उसे ज़रा भी ख्याल नहीं हैं। मासूम दुर्गंध से बिलबिला रहे हैं,मेहमानों का आवगमन बन्द हो चुका है,बेटे-बेटियों के रिश्तों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है लेकिन वह अपनी मनमानी पर उतारू हैं।
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प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सीज़ हुई थी फैक्टरी

राज्य में योगी सरकार बनते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया था और जांच दल ने पहुंचकर फैक्ट्री की गहन जांच करते हुए अनियमितताएं मिलने पर फैक्ट्री को सीज़ कर दिया था। उस समय जांच में खामियां पाई गई थीं। फैक्ट्री बंद होने के बाद नगरवासियो ने राहत की सांस ली थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही फैक्ट्री संचालक को पुनः अनुमति प्रदान कर दी गई थी।

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