कैराना शामली

इमाम हुसैन के लिए हूद ने भी दी शहादत

– इमाम बारगाह में मुंबई से आए मौलाना असकरी हसन ने किया संबोधन
– बोले, इमाम हुसैन की जिंदगी से लें सबक
कैराना। इमाम बारगाह में आयोजित मजलिस के दौरान मुंबई से आए मौलाना असकरी हसन खां ने हजरत इमाम हुसैन और हूद के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन के जीवन से सबक लेने और इस पर अमल करने का आह्वान किया।
   शनिवार की रात नगर के मोहल्ला अंसारियान में स्थित बड़ी इमाम बारगाह में मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमें माहिर हुसैन, शुऐब अली व कुर्रत मेहदी ने सोज-ओ- सलाम तथा वसी हैदर साकी ने मर्सिया ख्वानी की। इस अवसर पर मुंबई से आए मौलाना असकरी हसन खां ने हजरत इमाम हुसैन और हूद अलैहिस्सलाम के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उस दौर में हूद ने क्रूर शासक यजीद का साथ दिया, लेकिन बाद में वह अपने फैसले पर पछताए तथा हजरत इमाम हुसैन से क्षमा याचना की। इस पर इमाम हुसैन ने हूद को गले लगा लिया था। मौलाना ने बताया कि हूद ने इमाम हुसैन की ओर से जंग लड़ी, जिसमें वह शहीद हो गए। मौलाना ने आगे कहा कि हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 जानिसारों ने दीन की रक्षा के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, वो कभी भुलाई नहीं जा सकती है। हमें अपनी नई नस्लों को भी उनकी कुर्बानी के बारे में बताना चाहिए तथा उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। इस अवसर पर रज़ी हैदर, सरवर हुसैन, हाजी जफर अब्बास, मुमताज़ अली, काजिम हुसैन, हाजी शाहिद हुसैन, अलमदार हुसैन, शहज़ाद हुसैन आदि मौजूद रहे।

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