पाकिस्तान में चर्चों व अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा क
कैराना। अल कुरआन एकेडमी के डायरेक्टर मुफ्ती अतहर शम्सी ने पकिस्तान में चर्चों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निन्दा की। उन्होंने कहा कि धर्म की आज़ादी इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं में से है। इसलिए पकिस्तान में धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों पर हमले खुद इस्लाम पर हमले हैं। उन्होने पकिस्तान की जनता और भारत के मुस्लिमो से अपील की कि वे पकिस्तान में चर्चों पर हुए हमलों के खिलाफ उठ खडे हों और इनकी खुल कर निंदा करें। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि जिस तरह स्वीडन में कुरआन का जलाया जाना एक अमानवीय कृत्य था, बिल्कुल उसी तरह चर्चों पर हमले भी अमानवीय कृत्य हैं। कुरआन के चेप्टर संख्या 22 की आयत संख्या 40 के अनुसार तमाम धार्मिक स्थल सम्मान और सुरक्षा के अधिकारी हैं चाहे उनका ताल्लुक किसी भी धर्म से हो। अल कुरआन एकेडमी कैराना के डायरेक्टर का कहना था कि कमज़ोर मजलूम के साथ खड़ा होना कुरआन की एक महत्वपूर्ण शिक्षा है, इसलिए जो लोग कुरआन के मानने वाले हैं उन पर पर लाज़िम है कि वे उग्रवाद और धार्मिक उन्माद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।