
- रुद्राक्ष साक्षात शिव का स्वरूप होता है-आचार्य बृजमोहन सेमवा
कैराना। श्रावन माह के अवसर पर नगर के प्राचीन सिद्धपीठ बाबा बनखंडी महादेव मंदिर में शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन आचार्य ने बताया कि रुद्राक्ष धारण करने से महाकाल बहुत प्रसन्न होते है।
रविवार को नगर के प्राचीन सिद्धपीठ बाबा बनखंडी महादेव मंदिर में शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य बृजमोहन सेमवाल द्वारा कथा में कहा कि भगवान शिव आपकी महिमा अपरम पार है। आपकी स्तुति ब्रहम आदि देवता भी करते है। आचार्य ने बताया कि रूद्धाक्ष की महिमा अपार है। रूद्धाक्ष व भस्म धारण करने वाला काल को भी परास्त कर देता है क्योकि इससे महाकाल बहुत प्रसन्न होते है। रूद्धाक्ष महाकाल का श्रृंगार है। एक मुखी से लेकर 14 मुखी तक रूद्धाक्ष क्या फल देते है यह शिव महापुराण में लिखा है। एक मुखी रूद्धाक्ष साक्षात शिव का रूप होता है। दो मुखी धारण करने से समस्त पाप नष्ट, तीन मुखी सभी साधको को फल देने वाला, चार मुखी ब्रहमा का स्वरूप, पांच मुखी सबसे अधिक पाया जाता है। छह मुखी कार्तिकेय का स्वरूप, सात मुखी रूद्धाक्ष कर्ज व निर्धनता को समाप्त करता है। आठ मुखी रूद्धाक्ष काल भैरव का स्वरूप माना जाता है। 9 मुखी रूद्धाक्ष कपिल मुनी व दुर्गा का स्वरूप है। 10 मुखी भगवान विष्णु का स्वरूप है। 11 मुखी धारण करने से विजय प्राप्त होती है। 12 मुखी भगवान सूर्य का स्वरूप है। 13 मुखी विश्वेदेवा का स्वरूप है तथा 14 मुखी रूद्धाक्ष साक्षात शिव है इसे सिर पर धारण करना चाहिए। श्रद्धालुओं ने शिव महापुराण कथा में भारी संख्या में पहुँचकर धर्मलाभ उठाया। इस मौके पर पण्डित विनोद गोपाल, पुरोहित आचार्य शशि भूषण, पंडित स्वराज शर्मा, अशोक अग्रवाल, अनिल मित्तल एडवोकेट, नवीन, प्रवीण, दीपक अग्रवाल सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।