नवजात की मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभा
– एसीएमओ ने छापेमारी कर दो क्लीनिक किए सील, एक को दिया नोटिस
कैराना। झोलाछाप की लापरवाही से नवजात की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। एसीएमओ ने तीन क्लीनिकों पर छापेमारी की, जिनमें अनियमितता मिलने पर दो क्लीनिकों को सील कर दिया गया, जबकि एक क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया है। इस कार्रवाई से झोलाछाप में हड़कंप मचा हुआ है।
गांव बीबीपुर हटिया निवासी तैय्यब शुक्रवार को अपने नवजात बेटे के पेट से गंदा पानी निकलवाने के लिए आर्यपुरी स्थित झोलाछाप के क्लीनिक पर पहुंचा था। परिजनों का आरोप था कि नवजात की हालत बिगड़ने पर झोलाछाप ने उसे ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर रेफर कर दिया और रास्ते में ही ऑक्सीजन खत्म होने के कारण नवजात की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया था। पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टर को भी हिरासत में ले लिया था। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। शनिवार को मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया। सीएमओ डॉ. अग्रवाल के निर्देश पर एसीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने उक्त झोलाछाप के क्लीनिक पर छापेमारी की। जहां क्लीनिक संचालक मौके पर न कोई पंजीकरण संबंधी दस्तावेज या फिर कोई डिग्री नहीं दिखा सका। इसके बाद क्लीनिक को सील कर दिया गया। इसके अलावा आर्यपुरी में ही एक अन्य क्लीनिक पर छापेमारी करते हुए जांच-पड़ताल की गई, जिसमें अनियमितता मिलने पर क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं, अस्पताल रोड जैन बाग के निकट स्थित मलिक चाइल्ड केयर सेंटर पर भी छापेमारी की। इस क्लीनिक को भी भारी अनियमितताओं के चलते सील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की छापेमार कार्रवाई के चलते झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा रहा। एसीएमओ ने बताया कि दो क्लीनिकों को सील किया गया है, जबकि एक क्लीनिक संचालन को नोटिस जारी किया गया है।
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कई क्लीनिकों पर एसीएमओ की मेहरबानी
एसीएमओ डॉ. विनोद कुमार ने जैन बाग के निकट स्थित एक अन्य क्लीनिक पर छापेमारी की थी और संचालक को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के अंदर दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सूत्र बताते हैं कि उक्त क्लीनिक में आयुर्वेद के सर्टिफिकेट पर नियमों को धता बताकर एलोपैथिक का उपचार दिया जा रहा है। यहां बच्चों के सफल इलाज का भी दावा किया जाता है। इससे कुछ ही दूरी पर एक क्लीनिक को एसीएमओ ने सील कर दिया, लेकिन आयुर्वेद के सर्टिफिकेट पर चल रहे क्लीनिक के विरूद्ध कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। इसके अलावा कई और क्लीनिकों से भी एसीएमओ ने मुंह मोड लिया। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।