— श्रीरामलीला महोत्सव में रावण व वेदवती संवाद लीला का हुआ मंचन
कैराना। गौशाला भवन में चल रहे श्रीरामलीला महोत्सव में दूसरे दिन रावण व वेदवती संवाद की लीला का मंचन किया गया।
सोमवार रात गौशाला भवन में आयोजित श्रीरामलीला मंचन का शुभारंभ डॉ. रामकुमार गुप्ता ने दीप प्रज्जवलित कर किया। मंचन के दौरान कलाकारों ने दिखाया कि रावण जंगलों में घूम रहे थे। इस बीच उनकी नजर एक सुंदर कन्या पर पड़ती है, जिसे देख कर वह मोहित हो जाते हैं और अपने वश में करने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं, लेकिन विष्णु भगवान की भक्त वेदवती उनकी बातें नहीं मानती है। इसके बाद रावण उनके शरीर को स्पर्श कर देते हैं। इसी से क्रोधित होकर वेदवती सती हो जाती हैं और रावण को श्राप देती हैं कि वह मिथिलापुरी से दोबारा जन्म लेंगी। वहीं, मिथिलापुरी के राजा जनक जब अपनी पत्नी के साथ आपदा और सुखा पड़ने के कारण हल चलाते होते हैं, तो एक घड़े से सीता का जन्म होता है। वहीं, भगवान शिव रावण की पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें चंद्रहास नामक तलवार देते हैं। वह यह भी बताते हैं कि जिस दिन तुम इसकी पूजा नहीं करेंगे, वह दिन तुम्हारे जीवन का अंतिम दिन होगा। इसके उपरांत रावण का दरबार सजाया जाता है। वहां पर रावण अपने पुत्र मेघनाद को ऋषि, मुनि आदि से कर वसूलने के लिए आदेश देते हैं। इस दौरान रावण का अभिनय शगुन मित्तल, वेदवती का शिवम गोयल, मारीच का मणि, गण का सोनू कश्यप व राकेश गर्ग, भगवान शिव का सोनू मित्तल, जनक का प्रिंस सिंघल, मेघनाथ का तुषार वर्मा ने किया। इस दौरान कमेटी अध्यक्ष जयपाल कश्यप एडवोकेट, राकेश वर्मा, अनिल मित्तल, संजीव जैन, दामोदर सैनी, आलोक चौहान एडवोकेट, आलोक गर्ग, सूरज वर्मा, अतुल गर्ग, पंकज सिंघल आदि मौजूद रहे।