कैराना। नगर में श्रीरामलीला महोत्सव के तीसरे दिन कलाकारों ने श्रवण लीला का मंचन किया गया। इस दौरान राजा दशरथ के तीर से श्रवण की मौत हो जाती है, जिस पर उनके माता-पिता श्राप देते हैं।
मंगलवार की रात गौशाला भवन में मंचन के दौरान दिखाया गया कि श्रवण कुमार महाराजा दशरथ से मिलने के लिए उनके दरबार में आते हैं। जब गुरु वशिष्ठ उन्हें बताते हैं कि तुम्हारे माता-पिता जन्म से नेत्रहीन नहीं हैं, बल्कि तुम्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें नेत्रहीन होना पड़ा था। इस पर श्रवण कुमार बेहद परेशान होते हैं और अपने माता-पिता की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए गुरु वशिष्ठ से उपाय पूछते हैं। वह बताते हैं कि यदि तुम अपने माता-पिता को चार धाम की यात्रा कराओ, तो उनकी आंखों की रोशनी फिर आ जाएगी। इसके बाद श्रवण कुमार अपने बूढ़े मां-बाप को कांधे पर कांवड़ में बैठाकर चार धाम की यात्रा पर निकल जाते हैं। यात्रा के दौरान श्रवण के मां-बाप को प्यास लगती है, तो वह उन्हें पेड़ के नीचे बैठाकर सरयू नदी से जल लेने के लिए जाते हैं। उधर, अयोध्या के राजा दशरथ शिकार करने के लिए उस समय वनों में घूमते रहते हैं। जहां नदी से जल भरते हुए श्रवण कुमार को जंगली जानवर समझकर वह तीर मार देते हैं तथा श्रवण कुमार से अंतिम इच्छा पूछते हैं, तो वह मां-बाप को पानी पिलाने के लिए कहते हैं। वहीं, श्रवण कुमार दम तोड़ देते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।