कैराना शामली

डेंगू और बुखार से दो महिलाओं की मौत

डेंगू और बुखार से दो महिलाओं की मौ
– मरने वालों में एक महिला नंगलाराई की, पहले भी गांव में हो चुकी है मौतें
– एक दिन शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग ने की इतिश्री
कैराना। क्षेत्र के गांव नंगलाराई में डेंगू के कहर से मौत का सिलसिला जारी है। इसी के चलते डेंगू से पीड़ित एक और महिला ने दम तोड़ दिया। इससे पहले तीन महिला तथा दो बच्चियों की भी मौत हो चुकी है। लेकिन, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने केवल एक दिन गांव में शिविर लगाकर इतिश्री कर दी। इसके अलावा गांव बुच्चाखेड़ी निवासी महिला की भी बुखार से मौत हो गई। वहीं, ग्रामीणों में डेंगू की दहशत बनी हुई है।
गांव नंगलाराई निवासी नसीमा उर्फ चुन्नी (55) पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। उसे बुखार भी आ गया, जिसका नगर में एक निजी चिकित्सक के यहां उपचार चल रहा था। बताया जा रहा है कि महिला को डेंगू होने के कारण उसकी हालत में सुधार नहीं हो पा रहा था, जिस कारण रविवार को उसकी मौत हो गई। देर शाम गमगीन माहौल में मृतका के शव को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उधर, गांव बुच्चाखेड़ी निवासी अनुज की पत्नी प्रियंका (30) को पांच दिन पूर्व बुखार आया था, जिसका पानीपत के निजी हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था। उसकी प्लेटलेट्स निरंतर घट रही थी। पानीपत में महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतका दो बच्चों की मां बताई गई है।
बता दें, गत बुधवार को गांव नंगलाराई के वर्तमान प्रधान हाफिज यूसुफ अली की पत्नी व दो बच्चियों की डेंगू के कारण मौत हुई थी। जबकि उनसे पहले दो अन्य महिलाओं ने भी दम तोड़ दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में जांच शिविर लगाया गया था। विभागीय अधिकारियों ने दावा किया था कि गांव में डेंगू, टाइफाइड और मलेरिया से पीड़ित कोई मरीज नहीं मिला। इसके बावजूद महिला की डेंगू से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के तर्क को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

संचारी रोग अभियान में आशाओं की लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन अक्टूबर से महीने की अंतिम तिथि तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत घर-घर जाकर आशाओं को रोगियों को चिह्नित करने के लिए निर्देश दिए गए थे। लेकिन, नंगलाराई में बुखार के बढ़ते प्रकोप को लेकर आशाओं पर लापरवाही के आरोप लगे रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में नियुक्त आशाएं दूसरे गांवों से लगी हुई है, जिनके द्वारा अभियान को लेकर कोई खास रूचि नहीं दिखाई गई। यदि समय रहते मरीजों को चिह्नित कर लिया जाता, तो शायद मरीजों की जान नहीं जाती।

एंटी लार्वा और फॉगिंग में खानापूर्ति
नंगलाराई में दर्जनों लोग बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं। लगातार मौत भी हो रही है। इसके बावजूद भी गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं कराया गया है। जबकि फॉगिंग के नाम पर भी खानापूर्ति की गई। ऐसे में कहीं न कहीं मच्छरों के प्रकोप से भी लोगों को निजात नहीं मिल पाई है।

ऊंचागांव के अध्यापक की सीतापुर में मौत
मूल रूप से ऊंचागांव निवासी योगेश (35) सीतापुर में सरकारी अध्यापक थे। उनके भाई संदीप ने बताया कि योगेश को बुखार आ रहा था। इसी दौरान हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। उनके दो बच्चे बताए गए हैं। वह परिवार सहित सीतापुर में ही रहते थे।

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