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-कृषि भूमि की पैमाइश कर किसान की भूमि को कब्जामुक्त कराकर तहसील प्रशासन ने पिलर स्थापित करते हुए भूमि का कराया था सीमा बंधन

कैराना। न्यायालय के आदेश पर कृषि भूमि को कब्जामुक्त कर तहसील प्रशासन द्वारा लगाए गए पिलरों को दबंगों ने उखाड़ फेंका। राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते पीड़ित किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक व उपज़िलाधिकारी के दरबार फरियाद लगा चुका पीड़ित किसान खून के आंसू रोने को मजबूर है। आखिर कार्यवाही कौन करेगा? कैसे पीड़ित किसान को न्याय मिलेगा?
क्षेत्र के गांव सहपत निवासी सद्दाम पुत्र स्वर्गीय हकीमू व नवाब ,लियाक़त पुत्रगण हसन के बीच भूमि विवाद को लेकर उपजिलाधिकारी कैराना के न्यायालय में वाद दायर किया गया था, जिसमें न्यायालय द्वारा लेखपाल से आख्या तलब की गई और 29 जनवरी 2021 को आदेश पारित किया कि भूमि खसरा नंबर 88/3 स्थित ग्राम सहपत अहतमल हाल में मौके पर जाकर मेढबंदी कराकर आख्या प्रस्तुत की जाए।आदेशों के अनुपालन में कानूनगो अपनी टीम व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और पिलर आदि स्थापित कर भूमि की सीमबन्दी कराते हुए आख्या प्रस्तुत की थी, लेकिन दबंग किसानों ने न्यायालय के आदेशों को हवा में उड़ते हुए पिलर तोड़ डाले। पीड़ित किसान 2 जुलाई को फिर उपजिलाधिकारी के दरबार में पहुंचा और पिलर उखाड़ने की शिकायत की,जिसके बाद कोतवाली पुलिस को जांच के आदेश दिए गए। कार्यवाही न होने पर 15 जुलाई को फिर पीड़ित किसान ने एसडीएम कैराना सहित डीएम व एसपी शामली को शिकायती पत्र सौंप चुका है,लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।पीड़ित किसान का कहना है दबंग भूमाफिया अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं,जिससे पीड़ित ख़ौफ़ज़दा है उसे आशंका है कि उपरोक्त दबंग किसी भी समय उसके साथ अप्रिय घटना घटित कर सकते हैं।
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दबंग कर रहे न्यायालय के आदेशों की अवहेलना

गांव सहपत निवासी सद्दाम ने उपजिलाधिकारी कैराना के न्यायालय में धारा 24 के अंतर्गत एक वाढ दायर कर रखा था, जिसमें न्यायालय की और से भूमि पैमाइश कर उसे कब्जामुक्त कराने के निर्देश निर्गत किये गए थे। न्यायालय के आदेश के बाद कानूनगो व लेखपाल कैराना पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे थे और भूमि की पैमाइश की थी,जिसमें विपक्षियों की तरफ भूमि पाई गई थी। मौके पर मौजूद कानूनगो व लेखपाल ने मेढ व पिलर आदि लगाकर भूमि का सीमा बंधन किया था। आरोप है कि दबंगई पर उतारू लोगों ने न्यायालय के आदेशों की परवाह किये बिना ही तहसील प्रशासन द्वारा स्थापित किये गए पिलरों व मेढ को खुर्दबुर्द कर भूमि पर पुनः क़ब्ज़ा जमा लिया है,जिससे पीड़ित किसान के सामने रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
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साहब ! दबंग दे रहे धमकी

पीड़ित किसान सद्दाम का कहना है कि भूमाफिया उसकी भूमि पर अवैध कब्जा कर उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पिता के निधन के बाद सद्दाम तन्हा है,जिससे विपक्षियों के हौसले बुलंद हैं क्योंकि यह एक लाचार बेबस किसान है,जिसके पास छोटे – छोटे मासूम बच्चे हैं, जिनका पालन पोषण का ज़िम्मा भी इसी के कंधों पर है। पत्नी व मासूम बच्चों के साथ पीड़ित किसान आला अधिकारियों के दरबार में फरियाद लगा चुका है,लेकिन उसकी पीड़ा सुनने वाला कोई नही है,जबकि राज्य की योगी सरकार ने भूमाफियाओं के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान शुरू कर रखा है।बावजूद इसके पीड़ित किसान को अपनी भूमि को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है और दबंग पीड़ित किसान को धमकी देने पर उतारू हैं।
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मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से मांगी मदद

पीड़ित किसान अपनी भूमि को बचाने के लिए मासूम बच्चों व पत्नी के साथ आला अधिकारियों के दरबार में फरियाद लगा चुका है,लेकिन उसकी फरियाद कारगर होती नजर नहीं आ रही है।ऐसे में पीड़ित किसान को आखरी आस और उम्मीद सीएम हेल्पलाइन से ही बची है। पीड़ित ने अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का सहारा लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उसे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के दरबार से उसे ज़रूर न्याय मिलेगा। पीड़ित किसान सद्दाम का कहना है सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद उनके मोबाइल पर लखनऊ से कॉल आया था,जो शिकायत के निस्तारण संबंधी पूछ रहे थे।पीड़ित किसान को आशा है कि मुख्यमंत्री दरबार से उसे निराशा नहीं मिलेगी,जरूर उनकी पीड़ा को सुना जाएगा।
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अपनों ने ही दिया ज़ख्म

गांव सहपत में किसान की भूमि पर लगभग आठ दस वर्षों से अवैध कब्जा कर पीड़ित किसान को खून के आंसू रुलाने वाले कोई और नहीँ,बल्कि उसके अपने ही हैं। पीड़ित किसान सदाम ने बताता है कि उसके तायाज़ाद भाई ही उसकी जान के दुश्मन बन हुए हैं,जो उसकी भूमि पर कब्ज़ा कर उससे रंजिश रखने लगे हैं और अब जान से मारने तक की धमकी दे रहे हैं। डरा सहमा किसान कर्यवाही के लिए इधर से उधर दौड़ रहा है,लेकिन उसकी फरियाद सुनने को कोई तैयार नहीं है।

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