कोरोना वायरस महामारी (Corona virus epidemic) ने पूरे विश्व को संकट में बांध दिया है. 2019 के आखिरी में आया कोरोना संक्रमण लगभग डेढ़ साल में पूरी दुनिया को चपेट में ले चुका है अब नए नए स्ट्रेन (Corona Strain) लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं. हालांकि लैबोरेट्री सर्विलांस के बढ़ते महत्व के एक अध्ययन से पता चला है कि खतरनाक सार्स-सीओवी-2 वैरियेंट-बी117 वैरियेंट पिछले साल आधे नबंवर तक दुनिया भर के 15 देशों में अपनी जड़ें फैला चुका था. बी117 वैरियेंट (B 117 variant) असली कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक है. इसका पता पहले यूनाइटेड किंगडम (UK) में दिसंबर 2020 में पता चला था.
एक जर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ये धीरे-धीरे पूरी दुनिया में अपनी जड़ें फैला रहा था.
इसका खुलासा संक्रामक रोगों के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाशित एक जर्नल के जरिये हुआ है. ऑस्टीन में स्थित टेक्सास विश्वविद्यालय के बॉयोलॉजी के प्रोफेसर लॉरेन एन्सल मैयर्स ने बताया , ‘हमारे अनुमान के अनुसार बी117 वैरियेंट यूएस में अक्टूबर 2020 में पाया गया था.’ इसकी जांच करने के लिए 15 देशों से आंकड़े जमा किए गए थे.
अनुमान के अनुसार यूके से दुनिया भर के 15 देशों में सफर करने वाले लोगों ने पिछठले साल 22 सितंबर से 7 दिसंबर तक तमाम देशों में यह वायरस फैलाया था. लेकिन यूएस में यह वैरियेंट अक्टूबर महीने के बीच में पहुंचा था. मैयर्स में कहा ‘इस स्टडी से लैबोरेट्री सर्विलांस की महत्व का पता चलता है.’ पहले वायरस सैंपल की स्टडी करके नए वैरियेंट का पता लगाना मुश्किल काम था.
रिसर्च टीम ने सीक्येनसिंग के लिए एक ऑनलाइन कैल्कुलेटर बनाया जिससे दोनों को मिलाकर नए वैरियेंटस का पता लगा सके. टैक्सास विश्वविद्यालय के सपैन्सर वूडी ने कहा कि, ‘नए केलकयूलेटर से हम सार्स-सीओवी-2 से फैलने वाले वायरस के खतरे को कम कर सकते हैं. इससे हमें लैब में नए वैरियेंट पता करने में आसानी होती है.’