रिपोर्ट उस्मान चौधरी
कोरोना महामारी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में फोंगिंग व सैनीटाईजेशन के आदेशों का उडाया जा रहा मजाक
कैराना। गांव में फैली गंदगी से ग्रामीणों को संक्रामक रोगों के फैलने का भय सताने लगा है। मुख्य मार्ग सहित कई मार्गों पर गंदा पानी व कीचड जमा होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
क्षेत्र के गांव पावटी कलां में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चामराई हुई है। गांव की नाली नाले गंदगी से अटे पडे हैं। गंदगी के कारण गांव में संक्रामक रोग फैल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बार बार शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नही हो रही है। मुख्य मार्ग से गुजरना मुशकिल हो रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि कई बार शिकायती पत्र दे चुके हैं लेकिन कार्यवाही नही हो पाती है। जबकि गांव में सफाई व्यवस्था को दुस्त करने के नाम पर मोटी धनराशि निकाली गयी है, जो कागजों तक सीमित रह गयी है। गांव में गंदगी के अंबार संक्रामक रोगों को जन्म दे रहे हैं। जहरीले मच्छरों ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। जिस वजह से बुखार आदि के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है।
प्रदेश के मुखिया के आदेशों की नहीं परवाह
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने ग्रामीण क्षेत्रों में सैनीटाजेशन व फोंगिंग कराने के निर्देश जारी कर रखे हैं, लेकिन अधिकारियों एंव कर्मचारियों की उदासीनता के चलते मुख्यमंत्री के आदेशों की खुली अवहेलना हो रही है। कोरोना महामारी से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिये राज्य की योगी सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों को सरकार के मातहत ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं। फोंगिग व सैनीटाईजेशन तो दूर की बात यहां तो सफाई व्यवस्था भी चरमराई हुई है। ऐसे में कोरोना महामारी से बचाव के लिये किये जा रहे प्रयास नाकाफी हैं। राज्य की योगी सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ सेवाओं को लेकर चिंतित हो लेकिन स्थानीय संबंधित अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते ग्रामीणों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। दबंगता के बल पर दबाई जाती है आवाजगांव में दम तोडती सफाई व्यवस्था, डंक मारते जहरीले मच्छर और फैली गंदगी के अंबार से निजात पाने के लिये अगर कोई ग्रामीण आवाज उठाता है तो दबंगता के बल पर उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। इतना ही नहीं शिकातकर्ता ग्रामीण को अंजाम भुगतने तक की धमकी दी जाती है और दबंगता के बल पर उसकी आवाज को खामोश कर दिया जाता है।
क्या कहते हैं ग्राम सचिव
ग्रामीणों की समस्याओं के संबंध में जब ग्राम सचिव निशांत बालियान से पूछा गया तो उनका एक ही जवाब था कि बहुत जल्द समस्याओं का निराकरण करा दिया जायेगा, जबकि सच्चाई यह है कि काफी दिनों से ग्रामीणों को इस समस्या से जूझना पड रहा है,लेकिन ग्राम सचिव अपने कार्य के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।