कैराना।तीन दिनों के बीच में रविवार को फिर से गांव में मामौर झील की मेड़ क्षतिग्रस्त हो गई हैं।जिस कारण किसानों करीब 700 बीघा भूमि में लगी गेहूं आदि फैसले जलमग्न हो गई हैं।जिसके कारण किसानों की चिंता और बढ़ गई हैं। किसानों द्वारा पानी की रोकथाम के लिए प्रयास किया जा रहा हैं।
रविवार को गांव मामौर में स्थित झील की मेड़ टूटने से किसने की फासलें जलमग्न हो गई हैं।बता दे कि गत 19 दिसंबर को भी झील की मेड क्षतिग्रस्त होने के कारण किसानों की दर्जनों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी।जिसके बाद किसानों ने कड़ी मेहनत के बाद मेड को दुरुस्त करते हुए पानी की रोकथाम कर दी थी।वहीं रविवार को दोबार से झील की मेड से पानी का बहाव शुरू हो गया।अपनी फसलों में पानी आता देख किसानों में खलबली मच गई। किसानों द्वारा पानी के बहाव को रोकने का प्रयास किया गया।लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।कुछ समय बाद टूटी मेड का दायरा ओर बढ़ गया।जिससे किसानों के खेत में झील का गंदा पानी घुस गया। किसानों ने फसलों को जलमग्न होने की सूचना राजस्व विभाग के अधिकारियों को दी और देर शाम तक पानी के रोकथाम के प्रयासों में जुटे रहे।इस दौरान किसान मंगता,मुस्ताक,सज्जाद,मेहरबान,कामिल,सलीम,जमशेद आदि किसानों की करीब 700 बीघा गेहूं आदि की फैसलें जलमग्न हो गई।