उत्तर प्रदेश कैराना शामली

जानलेवा बीमारियां बांट रहा है मीट प्लांट

जानलेवा बीमारियां बांट रहा है मीट प्लांट

कैराना।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बावजूद भी कैराना में स्थित मीट प्लांट को लेकर अफसर गंभीर नहीं है।मीट प्लांट क्षेत्र के लोगों को जानलेवा बीमारियां बांट रहा है।लेकिन अधिकारी खाना पूर्ति कर रहे हैं। आबादी के बीच संचालित मीट प्लांट से पानी और हवा दूषित हो रहे हैं।लोग जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

कैराना-कांधला मार्ग पर आबादी के बीच में संचालित मीट प्लांट क्षेत्रवासियों को दिन-प्रतिदिन बीमारियां बांट रहा है।नियम कायदों को ताक पर रखकर हो रहे मीट प्लांट के संचालन से क्षेत्र में प्रदूषण का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है।लोगों को कैंसर,काला पीलिया जैसी जानलेवा बीमारियां जकड़ रही है।इन घातक बीमारियों से दर्जनों लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं।वहीं मीट प्लांट के आसपास गंदगी व दुर्गंध के कारण कांधला तिराहे तक दुकानदारों को कार्य करने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।साथ ही वहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी मुंह बंद कर कर वहां से गुजरना पड़ता है। मीट प्लांट से निकलने वाले गंदे पानी की दुर्गंध के कारण नगर में दुर्गंध फैलती जा रही है।मीट प्लांट में नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर पशुओं का कटान किया जाता है।यही नहीं मीट प्लांट में हड्डी को गलाने वाले प्लांट से निकलने वाले धुएं की बदबूदार हवा से नगरवासियों एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र का जीना दुभर हो गया है।वही मीट प्लांट के कारण नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र का पानी व हवा पूर्ण रूप से दूषित हो चुके हैं।नल व सबमर्सिबल पंप दूषित पानी दे रहे हैं।जिस कारण यहां की जनता घातक बीमारियों के चपेट में आ रही है।पूर्व में कई बार मीट प्लांट को बंद करने के लिए मीट प्लांट के आसपास रह रहे लोगों एवं आसपास के ग्रामीणों ने आवाज उठाई है। लेकिन आज तक शासन व प्रशासन मीट प्लांट के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर सका हैं।क्या योगी सरकार में भी लोग इस मीट प्लांट के कारण जूझते रहेंगे खतरनाक बीमारियों से या फिर कोई एक्शन लिया जाएगा मीट प्लांट के विरुद्ध जिससे लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके।यह तो समय के गर्भ में छुपा है।

गत 12 मई को कैराना नगर पालिका परिषद में एक रक्तदान शिविर लगाया गया था।जिसमें नौजवान से लेकर बुजुर्गों तक ने रक्तदान किया था।इसके बाद डॉक्टरों ने रक्तदान किए गए खून की जांच की तो करीब तीन दर्जन से अधिक लोगों के खून में काला पीलिया आदि बीमारियां पाई गई थी।

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