हाजी अनवर का काम, श्रेय ले रहे शमशाद
– नगर के चहुंमुखी विकास पर वर्तमान पालिकाध्यक्ष का नहीं ध्यान
– सभासदों को भी नहीं मना पाए, अब तक नहीं हुई बोर्ड बैठ
कैराना। नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष हाजी अनवर हसन के कार्यकाल के दौरान जाकिर पुस्तकालय के जर्जर भवन का जीर्णोद्धार कार्य संपन्न हुआ। अब वर्तमान पालिकाध्यक्ष शमशाद अंसारी द्वारा पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया है। चर्चा है कि इस उद्घाटन के जरिये पालिकाध्यक्ष पुस्तकालय भवन के जीर्णोद्धार का श्रेय लेना चाहते हैं, जबकि वह अपने कार्यकाल में अभी तक नगर में चहुंमुखी विकास कार्य तो दूर, बल्कि रूठे सभासदों को नहीं मना सके हैं और ना ही बोर्ड बैठक हो सकी है। ऐसे में कहीं न कहीं नगर के विकास को भी ग्रहण लगता नजर आता है।
वर्ष 1876 से नगरपालिका कैराना की गोल मार्किट के निकट जाकिर पुस्तकालय बनी हुई है। कई सालों से पुस्तकालय की हालत जर्जर बनी थी तथा पुस्तकालय बंद पड़ी थी, जिस कारण युवाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। तत्कालीन ईओ से पुस्तकालय भवन का जीर्णोद्धार कराने तथा उसे जल्द खुलवाये जाने की मांग की गई थी। इसके बाद तत्कालीन पालिकाध्यक्ष हाजी अनवर हसन ने भी युवाओं के भविष्य को देखते हुए पुस्तकालय भवन के जीर्णोद्धार कराने हेतु सकारात्मक कदम उठाए थे। उनके कार्यकाल के दौरान राज्य वित्त आयोग वर्ष 2022-23 के अंतर्गत जीर्णोद्धार का कार्य संपन्न हुआ था। बाकायदा हाजी अनवर हसन की शिलापट भी उस समय ही लगवा दी गई थी। शुक्रवार को वर्तमान पालिकाध्यक्ष शमशाद अंसारी ने उक्त पुस्तकालय भवन का फीता काटकर उद्घाटन किया। उन्होंने उद्घाटन के मौके पर कार्यक्रम भी आयोजित किया। लेकिन, चर्चा हो रही है कि इस कार्यक्रम के दौरान पालिकाध्यक्ष शमशाद अंसारी पुस्तकालय का श्रेय लेते नजर आए। शायद इसीलिए पालिकाध्यक्ष जुबां से शब्द नहीं निकाल पाए कि तत्कालीन पालिकाध्यक्ष के कार्यकाल में पुस्तकालय भवन का जीर्णोद्धार हुआ है। अब यह बताने की जरूरत है कि पालिकाध्यक्ष शमशाद अंसारी अभी तक अपने कार्यकाल में कोई खास विकास कार्य नहीं करा सके हैं। विकास तो तब होगा, जब बोर्ड बैठक होगी, यहां पालिकाध्यक्ष के शपथ लेने के बाद से एक भी बोर्ड बैठक नहीं हुई।
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रूठे सभासदों को नहीं मनाने के पीछे हठधर्मी तो नहीं ?
नगरपालिका के अध्यक्ष शमशाद अंसारी से एक दर्जन से अधिक सभासद शुरू से ही नाराज चल रहे हैं। इसी वजह से सभासदों द्वारा पहली बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया गया था। सभासदों ने पालिकाध्यक्ष पर आरोप भी लगाए थे। इसके बाद भी पालिकाध्यक्ष नाराज सभासदों को अपने पक्ष में नहीं मना सके। कहीं ऐसा तो नहीं कि पालिकाध्यक्ष अपनी हठधर्मी पर अडिग हो ? सभासद पालिकाध्यक्ष पर तमाम आरोप लगा चुके हैं। शुक्रवार को पुस्तकालय के उद्घाटन के दौरान भी 28 सभासदों में से कार्यक्रम में नाममात्र सभासदों की उपस्थिति नजर आई।
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पहली ही बोर्ड बैठक में खुली थी पोल
नगरपालिका में प्रस्तावित प्रथम बोर्ड बैठक के दौरान ही पालिकाध्यक्ष शमशाद अंसारी की पोल खुलकर सामने आ गई थी। बताया जाता है कि बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल कई प्रस्ताव ऐसे थे, जिनकी कीमतों में बड़ा गड़बड़झाला किया गया था। कुछ सामान की कीमत बाजार से कहीं अधिक दामों पर लिखी गई थी। कहीं यही वजह तो नहीं कि जो बोर्ड बैठक नहीं हो पा रही है ? सवाल तो यह भी उठता कि जिस जनाधार ने पालिकाध्यक्ष की कुर्सी तक शमशाद अंसारी को भेजा, उनके लिए विकास आखिर कब शुरू होंगे ?