कैराना शामली

पीएम मोदी से मिलेंगे शायर रज्मी के परिजन

— परिवार की तंगहाली से कराएंगे रूबरू, आर्थिक मदद की लगाएंगे गुहार
— पुण्यतिथि पर शायर के लिए कराई कुरआन ख्वानी
कैराना। दुनियाभर में विख्यात कैराना के मशहूर शायर मुजफ्फर इस्लाम रज्मी की मंगलवार को 11वीं पुण्यतिथि पर कुरआन ख्वानी कराकर मगफिरत की दुआ कराई गई। मरहूम के बेटे ने बताया कि वह दो दिन बाद प्रधानमंत्री हाउस पर मुलाकात करने जाएंगे। जहां वह परिवार की तंगहाली से रूबरू कराते हुए आर्थिक मदद की गुहार लगाएंगे।
मशहूर शायर मुजफ्फर इस्लाम रज्मी की 11वीं पुण्यतिथि मंगलवार को उनके मोहल्ला बेगमपुरा स्थित किराए के आवास पर मनाई गई। जहां उनके बेटे जावेद इकबाल व नवेद कमाल द्वारा मदरसे के बच्चों को बुलाकर पवित्र कुरआन ख्वानी कराई गई। इसके बाद रज्मी की मगफिरत के लिए विशेष दुआएं कराई गई। बता दें, मुजफ्फर इस्लाम रज्मी देश की नहीं, बल्कि दुनियाभर में शोहरत याफ्ता शायर हुए हैं। उनके शेर ‘ये जब्र भी देखा है तारीख की नजरों ने, लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई’ ने प्रधानमंत्री से लेकर हर आमो—खास के लबों पर राज किया। संसद तक उनके शेर पढ़े जाते रहे हैं।

दो दिन बाद रवाना होंगे परिजन
मरहूम मुजफ्फर इस्लाम रज्मी के बेटे नवेद कमाल ने बताया कि उनके पिता को हमेशा किराए के मकान में रहने का दर्द सालता था। परिवार वर्तमान में भी मोहल्ला बेगमपुरा में नगरपालिका के किराए के मकान में रहता है। इसका वाद भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। दुनियाभर में शायरी का डंका बजाने और कैराना का नाम रोशन करने वाले रज्मी का परिवार बेहद तंगहाली से जूझ रहा है। नवेद बताते हैं कि उन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसका जवाब मिला था, लेकिन कोई आर्थिक मदद नहीं मिल सकी है। उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को वह प्रधानमंत्री हाउस के लिए रवाना होंगे। उनके साथ में परिवार के अन्य सदस्य भी जा सकते हैं। जहां वह प्रधानमंत्री से मुलाकात कर परिवार के हालातों से रूबरू कराएंगे और उनसे आर्थिक मदद एवं मकान के लिए गुहार लगाएंगे। उन्हें पीएम से काफी उम्मीदें हैं।

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