कैराना शामली

सीएचसी में रिश्वत लेकर ऑपरेशन करने का आरोप

— परिजनों ने सर्जन के खिलाफ किया हंगामा, बोले— हालत बिगड़ने पर किया रेफर
— पुलिस ने परिजनों को किया शांत, कोतवाली में दी गई तहरीर
कैराना। नगर के सीएचसी में जनरल सर्जन पर सात हजार रुपये की रिश्वत लेकर महिला की गर्भाशय का ऑपरेशन करने तथा हालत बिगड़ने पर रेफर करने का आरोप लगा है। इसे लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराया। मरीज को हायर सेंटर के लिए भिजवाया गया है। वहीं, परिजनों की काअेर से डॉक्टर के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दे दी गई है।
गांव जहानपुरा निवासी फरमान ने बताया कि उसकी 40 वर्षीय पत्नी इमराना की गर्भाशय में रसौली की समस्या थी, जिसके उपचार के लिए वह नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचा। आरोप है कि अस्पताल में तैनात जनरल सर्जन ने रसौली का ऑपरेशन करने के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की, जिस पर उसने सात हजार रुपये दे दिए। इसके बाद गत 25 सितंबर को उसकी पत्नी को सीएचसी के ऑपरेशन थिएटर में भर्ती कर लिया गया। आरोप है कि सर्जन द्वारा ऑपरेशन से पहले कराई गई जांच के दौरान उसकी पत्नी की हेपेटाइटिस—सी यानी काला पीलिया की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। लेकिन, इसके बावजूद भी डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन कर दिया और ऑपरेशन बिगड़ गया, जिससे उसकी पत्नी की हालत बिगड़ती चली गई, तो डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया। वहीं, सूचना के बाद परिवार के अन्य लोग भी अस्पताल में पहुंच गए। जहां उन्होंने हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर कार्यवाहक कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नेत्रपाल सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से वार्ता करते हुए उन्हें शांत किया। बाद में महिला को सरकारी एंबुलेंस से हायर सेंटर के लिए भिजवाय गया। बाद में फरमान की ओर से जनरल सर्जन व सहायक के विरूद्ध कोतवाली में तहरीर दी गई। सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डॉ. शैलेंद्र चौरसिया का कहना है कि रिश्वत के आरोप निराधार है। महिला की हालत खतरे में नहीं है। उसे हायर सेंटर रेफर किया गया है।
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चर्चाओं में रह चुके हैं सर्जन
सीएचसी में तैनात सर्जन कई माह पूर्व भी चर्चाओं में आ चुके हैं। उन पर नशे में धुत होकर स्टाफ के ही एक डॉक्टर से मारपीट के आरोप भी लग चुके हैं। इसके अलावा एक बच्चे के उपचार में लापरवाही के आरोप भी लगे थे, उस बच्चे की सीएचसी में मौत हुई थी। परिजनों ने कहा था कि मौत होने के बाद रेफर कर एंबुलेंस में ही अंगूठे लगवाए गए। इस मामले में सर्जन की जांच भी बैठी थी और स्थानांतरण की बात भी सामने आई थी। हालांकि, इसके बाद फिर से यहीं पर उनकी ड्यूटी चल रही है।

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