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अगर नहीं हैं ये 6 सर्टिफिकेट तो सड़क पर नहीं निकाल पाओगे अपना वाहन

नई दिल्ली: अगर आप भी सड़क पर बाइक, कार या कोई कॉमर्शियल वाहन चलाते हैं तो यह खबर आपके लिए है. कई बार लोग गाड़ी लेकर सड़क पर तो निकल जाते हैं, लेकिन गाड़ी के सभी डॉक्यूमेंट्स साथ रखना भूल जाते हैं. जिसकी वजह से लोगों का चालान भी कटता है. ऐसे में हम आज आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि ऐसे कौन से डॉक्यूमेंट्स हैं, जो ड्राइविंग सीट पर बैठने से पहले आपके पास होने ही चाहिए. साथ ही इन डॉक्यूमेंट्स को आप कैसे और कहां से प्राप्त कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं.

ये हैं महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स
1. ड्राइविंग लाइसेंस
2. फिटनेस
3. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
4. परमिट
5. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC)

ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence)
गाड़ी ड्राइव करते वक्त आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस ज़रूर होना चाहिए.

इसके बिना गाड़ी चलाने पर आपका चालान कट सकता है. भारत में दो प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते हैं. लर्निंग और परमानेंट. लर्निंग डीएल केवल 6 महीने के लिए वैलिड होता है. उसके एक्सपायर होने से एक महीने पहले तक आप परमानेंट के लिए अप्लाई नहीं कर सकते. इन दोनों ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आप दो तरह से अप्लाई कर सकते हैं. तो आइये जानते हैं लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया.

कैसे करें ऑनलाइन आवेदन (Driving Licence online Apply)
1. आपको परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट Parivahan.Gov.In पर विजिट करना होगा.
2. यहां आपको अपना राज्य और शहर का चुनाव करना होगा.
3. आपको लर्निंग लाइसेंस/परमानेंट के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
4. आपको एप्लीकेशन फॉर्म में अपनी जानकारी भरनी होगी.
5. पहचान पत्र, जन्म प्रमाण-पत्र, पते का प्रमाण-पत्र, अपनी फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करने होंगे.
6. इसके बाद आपको टेस्ट ड्राइव की तारीख का चुनाव करना होगा.
7. टेस्ट ड्राइव के लिए अपने साथ आईडी प्रूफ जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि लेकर जाना होगा.

नोट: भरे हुए फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल लें. एप्लाई करने के बाद आपको एक SMS आएगा. आपको एप्लीकेशन नंबर मिलेगा, जिससे आप अपनी एप्लीकेशन का स्टेट्स ट्रैक कर सकते हैं.

ऑफलाइन बनवाने के लिए
तय किए गए स्लॉट में आपको अपने करीबी आरटीओ (RTO) ऑफिस जाना होगा. वहां से फॉर्म 4 लेना होगा. इस फॉर्म को भरकर ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ उस आरटीओ में जाकर जमा करें जिसके ज्युरिडिक्शन में आपका एड्रेस आता है.

2. फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate)
सड़क पर चलने के लिए आपके पास आपकी गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट भी होना चाहिए. ये सर्टिफिकेट परिवहन विभाग की ओर से जारी किया जाता है. विभाग इस बात का प्रमाण पत्र देता है कि गाड़ी सभी मानकों पर खरी उतरती है. हालांकि, यह सर्टिफिकेट कॉमर्शियल वाहनों के लिए ज्यादा अहम है. निजी वाहन चालकों को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है.

कैसे बनवा सकते हैं ?
इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए आपको अपने वाहन को परिवहन कार्यालय ले जाना होता है. वहां पहले गाड़ी का इंजन, उसकी फ्रंट और बैक लाइट, इंडिकेटर, हॉर्न, फॉग लाइट (Fog Light), फर्स्ट ऐड बॉक्स, रिफ्लेक्टर, डेंट-पेंट और नंबर प्लेट (High Security Number Plate) आदि के तय मानक के अनुसार पूरी जांच की जाती है. सब कुछ सही होने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है.

कॉमर्शियल वाहनों को हर साल कराना होता रिन्यू
परिवहन विभाग द्वारा कॉमर्शियल (Comercial Vehicle) और निजी वाहनों (Private Vehicle) के लिये अलग-अलग समय के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है. वैसे तो यह प्रमाण पत्र नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन (Vihicle Registration) के समय ही चालक को दे दिया जाता है. कॉमर्शियल वाहनों को 2 साल के लिये जारी किया जाता है. जबकि निजी गाड़ियों के लिए 15 साल का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होता है. समयावधि समाप्त होने कॉमर्शियल वाहनों को दो साल के बाद हर साल जांच करवाकर फिटनेस प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है.

3. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (Registration Certificate)
गाड़ी की आरसी (RC) भी अहम डॉक्यूमेंट है. यह डॉक्यूमेंट इस बात का प्रमाण है कि आपकी गाड़ी भारत सरकार के पास रजिस्टर्ड है. यह सर्टिफिकेट 15 साल के लिए वैलिड रहता है. 15 साल बाद फिर से 5 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता है. हालांकि, यह अवधि केवल पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के लिए है. वहीं, डीजल वाहनों के लिए यह अवधि 10 साल की है. उसके बाद उसके रिन्यू का कोई ऑप्शन नहीं होता, क्योंकि डीजल वाहन इतने सालों तक चलने के बाद स्क्रैप माने जाते हैं.

कैसे मिलती है RC?
जब भी कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदता है तो उसे रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी साथ ही मिलता है. जहां से आप गाड़ी खरीद रहे हैं, वो डीलर ही आपकी गाड़ी रजिस्टर करवाने की प्रोसेस शुरू करते हैं. इसके बाद आरटीओ ऑफिस गाड़ी का निरीक्षण करता है. कुल मिलाकर ये सब डीलर का काम है. सारे फॉर्म्स और डॉक्यूमेंट गाड़ी खरीदते समय ही भर दिए जाते हैं. टेम्पररी आरसी तो गाड़ी खरीदने के साथ ही मिल जाती है. 15-20 दिनों बाद आपको परमानेंट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी मिल जाता है.

4. परमिट (Vehicle Permit)
किसी भी कमर्शियल वाहन चालक के पास परमिट होना आवश्यक है. परमिट देने का मतलब है कि परिवहन विभाग द्वारा किसी भी वाहन को सार्वजनिक स्थानों पर चलाने की अनुमति दी जाती है. परमिट एक राज्य या क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाता है. परमिट दो प्रकार का होता है. पहला राष्ट्रीय परमिट, दूसरा स्टेट परमिट.

कैसे बनवा सकते हैं?
परमिट बनवाने के लिए आप संबंधित आरटीओ भी जा सकते हैं. इसके अलावा हर राज्य के बॉर्डर पर एक परमिट बूथ बना होता है. वाहन चालक वहां से भी परमिट बनवा सकता है. इसमें बस, ट्रक, ऑटो, डंपर, ट्रॉला, टैक्सी आदि वाहन शामिल होते हैं. इसके अलावा आप ऑनलाइन परमिट भी ले सकते हैं.

5. पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC)
सरकारी नियमों के अनुसार सभी वाहनों को अनिवार्य रूप से एक वैध पीयूसी (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट प्राप्त करना जरूरी है. यह एक ऐसा सर्टिफिकेट है जो गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा करने के बारे में बताता है. देश में हर प्रकार के मोटर वाहनों के लिए प्रदूषण मानक स्तर तय किए जाते हैं. इस पीयूसी जांच में सफल होने पर वाहन मालिक को एक प्रमाण पत्र दिया जाता है. इस सर्टिफिकेट से आपको पता चलता है कि आपके वाहन का प्रदूषण तय स्तर पर है. यह पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं हैं.

कैसे बनवा सकते हैं ?
अधिकतर पेट्रोल पंप के पास पीयूसी जारी करने की अथॉरिटी होती है. इसके अलावा आप किसी पीयूसी टेस्ट सेंटर विजिट करके भी ये सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपकी गाड़ी का टेस्ट किया जाता है. सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद ही आपको इसका सर्टिफिकेट दिया जाता है.

6. इंश्योरेंस (Insurance)
भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना जरूरी है. अगर आपके मोटर इंश्योरेंस की वैधता खत्म हो चुकी है, तो आप कानूनी रूप से अपराधी हैं. इसके लिए आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. दरअसल, वाहन की इंश्योरेंस पॉलिसी कुछ समय के लिए वैलिड होती है, जिसके बाद आपको इसे रिन्यू कराना होता है. आप भी देख लें कि कहीं आपके वाहन का भी इंश्योरेंस एक्सपायर तो नहीं हुआ.

30 जून तक का है समय
Ministry of Highways and Road Transport of India ने वाहनों के डॉक्यूमेंट्स को पूरा करने के लिए 30 जून 2021 तक समय दिया है. इसके बाद बिना पूरे पपर्स के ड्राइव करने वाले चालकों को भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि गाड़ी के सभी दस्तावेज पूरे हों. बता दें कि COVID-19 के प्रसार को रोकथाम को ध्यान में रखते हुए, MORTH ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि फिटनेस, परमिट (सभी प्रकार), लाइसेंस, पंजीकरण या किसी अन्य संबंधित दस्तावेज़ को 30 जून 2021 तक वैध माना जा सकता है.

पहले 31 मार्च तक की थी छूट
बता दें, कोरोना काल के बीच केंद्र सरकार की तरफ से सभी दो और चार पहिया गाड़ियों के ड्राइवर्स को 31 मार्च तक की छूट दी गई थी. इस दौरान उनके गाड़ी के पेपर पूरे न होने पर भी चालान नहीं काटा जा रहा था.

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